PM Awas Yojana में लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा

पहले ऑफलाइन आवेदन करने वाले लाभार्थियों को अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) फेज –2 के तहत मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के 75000 से अधिक लाभार्थियों को अब फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकार के इस कदम से बिचौलियों पर लगाम लगेगी और योजना में पारदर्शित आएगी। ऑनलाइन आवेदन में जाति और आवासीय प्रमाण पत्र शामिल करना होगा।

आपको बता दें कि पिछले मन है निगम के एक से 45 वार्डों के करीब 75000 लोगों द्वारा आवास योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन किया गया था। और अब इन सभी लाभुकों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सरकार द्वारा निर्देश किए गए हैं। जिससे वार्ड पार्षदों की परेशानी बढ़ने लगी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के फेज –2 के तहत नगर निगम क्षेत्र के चयनित करीब 75000 लाभुकों को फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

Pm Awas Yojana

फेज –2 के तहत वैसे परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें फेज –1 के तहत आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के दौरान बिचौलिए की भूमिका अदा करने वालों की परेशानी भी बढ़ गई है। फेज –1 के तहत आवास योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों के परिवार को फेज –2 में आवास का लाभ मिलना मुश्किल हो सकता हैं। फेज –2 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए जाति व आवासीय प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

आवास योजना में ऑनलाइन आवेदन करने से बिचौलियों पर लगेगी लगाम

ऑफलाइन आवेदन करने के दौरान वार्डों में योजना के लाभ के नाम पर बिचौलियों ने आम जनता से मनचाहा चढ़ावा लिया था। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान बिचौलियों की बेचैनी बढ़ने लगी है। माना जा रहा है कि Pm Awas Yojana (शहरी )के तहत लाभुकों के चयन में बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदकों की उपस्थिति अनिवार्य होने से बिचौलियों की पोल खुलने से इनकार नहीं किया जा सकता।

Pm Awas Yojana: बिचौलियों द्वारा प्रथम फेज के लाभुकों को अनुदान राशि भुगतान में भेदभाव

पार्षदों में आक्रोश देखा जा रहा है। पार्षदों ने बताया कि योजना संबंधी निगम कार्यालय कर्मी प्रथम फेज के लाभुकों के बैंक अकाउंट में अनुदान राशि बगैर चढ़ावा ट्रांसफर नहीं करते थे। चढ़ावा नए देने वाले लाभुकों की राशि भुगतान लंबित रखी जाती थी। योजना के प्रथम फेज के लाभुकों को अनुदान राशि भुगतान में निगम कार्यालय के कर्मियों द्वारा भेदभाव करने की शिकायत सामने आ रही थी।

निगम कर्मचारियों द्वारा लाभुकों के घर जाकर चढ़ावे की बात कर लेते थे। चढ़ावा देने पर ही लाभुकों के बैंक अकाउंट में राशि ट्रांसफर की जाती थी। चढ़ावा न देने वाले लाभुकों को कई प्रकार के कागजातों की कमी का हवाला दिया जाता था। इस मामले को लेकर पिछली सशक्त स्थाई सीमित की बैठक में कई पार्षदों द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई थी। कई पार्षदों में आक्रोश भी देखा गया था। इन सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फेज 2 की शुरुआत की।

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