Apara Ekadashi Vrat: अपरा एकादशी व्रत करने से मिलेगा लाभ

हमारे हिंदू धर्म में Apara Ekadashi Vrat को लेकर विशेष महत्व है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये अपरा एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं यह एक महत्वपूर्ण दिन है इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ व्रत भी रखा जाता है, अपरा एकादशी के व्रत करने से मनुष्य को मिलता है लाभ, और एक साल में 24 बार एकादशी आती है

अपरा एकादशी व्रत कथा का महत्व:

अपरा एकादशी व्रत कथा सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि यह जीवन जीने का एक नया दृष्टिकोण है धार्मिक आस्था का आधार है और भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक सरल मार्ग है, इस कथा का महत्व इन बिंदुओं से स्पष्ट होता है,

  1. पापों का समाधान: धृतराष्ट्र के उदाहरण से स्पष्ट होता है कि अपरा एकादशी व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं भगवान विष्णु की कृपया से व्यक्ति को शांति और आनंद प्राप्त होता है
  2. अच्छे कर्मों के लिए प्रेरणा: औरत हमें अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है कथा हमें याद दिलाती है कि हमारा जीवन सिर्फ़ हमारे लिए नहीं, बल्कि हम समाज और दुनिया के लिए भी ज़िम्मेदार है।
  3. जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा: अपरा एकादशी हमें जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है, व्रत के नियमों का पालन करके, हम अपने शरीर मन ओर आत्मा को शुद्ध करते है और भगवान विष्णु की कृपा पाने के योग्य बनते हैं।
  4. भक्ति और आस्था का विकास: यह औरत भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आस्था को बढ़ाता हैं। भगवान विष्णु के जीवन और उनकी शिक्षाओं को समझने से, हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है।
  5. मन की शान्ति और आत्मिक प्रगति: अपरा एकादशी का व्रत मन को शांत और स्थिर करता हैं, यह हमें अपने विचारों और कार्यों पर नियंत्रण रखने की क्षमता प्रदान करता हैं जिससे हम आत्मिक प्रगति और बढ़ा सकते है।
  6. जीवन में सफलता: कथा हमें सिखाती है कि यदि हम सही मार्ग पर चलते हैं भगवान विष्णु की कृपा हमेशा हमारे साथ बनी रहेगी यह कृपा सफलता और सुख प्राप्त करने में हमारी मदद करेगी।

इस प्रकार अपरा एकादशी व्रत कथा का महत्व सिर्फ़ धार्मिक नहीं है बल्कि यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शक भी हैं

अपरा एकादशी व्रत पूजन विधि

  • स्नान और शुद्धी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ सुथरे कपड़े पहने
  • मंदिर सजावट: भगवान विष्णु की मूर्ति या फिर चित्र को गंगाजल अर्पित करें, मंदिर को फूलों से ओर दीपक,धूप से सजाएं।
  • पूजन सामग्री: पूजन के लिए (1) फूल (2) फल (3) नारियल, (4) सुपारी (5) लौंग (6) घी (7) पंचामृत (8) तुलसीधूप (9) दीपक (10) चंदन (11) रोली (12) अक्षत,ओर नैवेद्य सामग्री इकट्ठा करे
  • मंत्र जप: भगवान विष्णु की आराधना करें, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें
  • नैवेध अर्पण: भगवान विष्णु को नैवेध अर्पित करें मिठाई फल या अन्य पकवान चढ़ाएं
  • आराधना: भगवान विष्णु से अपने पापों को क्षमा करने के लिए आशीर्वाद माँगा।
  • आरती: भगवान विष्णु की आरती करें और उन्हें प्रणाम करें
  • व्रत कथा श्रवण: अपरा एकादशी की व्रत कथा श्रवण करें।
  • दान: अपनी क्षमता के अनुसार दान करें
  • ध्यान दें : अपरा एकादशी का व्रत सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक किया जाता है

FAQ

अपरा एकादशी का शुभ मुहुर्त क्या है– ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है अपरा एकादशी पंचांग के अनुसार अपरा एकादशी का शुभारंभ सुबह 5:04 AM पर होगा, और इसका समापन अगले दिन यानी 3 जून 2024 की रात 2 बजकर 41 मिनट पर होगा।

अपरा एकादशी पर क्या करना चाहिए– अपरा एकादशी का दिन भगवान श्री विष्णु के नाम समर्पित करना चाहिए, श्री विष्णु भगवान का व्रत करना चाहिए, अपनी इच्छा अनुसार बेज़ुबान जानवरों को खिलाना पिलाना चाहिए।

अपरा एकादशी के दिन कोन सा फल खाना चाहिए– अपरा एकादशी के व्रत में फल बहुत शुभ माना जाता है नारियल कैला अमरूद आम आदी खा सकते हो।

Leave a Comment